ओ३म् भूर्भुव: स्व: |
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमहि |
धियो यो न: प्रचोदयात् ||
Meaning
हे प्रभु...
तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू |
तुझ से ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ||
ते रा महान तेज है, छाया हुआ सभी स्थान |
सृष्टि की वस्तु वस्तु में, तु हो रहा है विद्यमान ||
ते रा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया |
ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ||
भावार्थ _ हे परमेश्वर! आप हमारे प्रियतम् प्राण हो | हमें अशुभ संकल्पों तथा भौतिक विपत्तियों से हमें दूर रखें | हम आपके शुद्ध प्रकाशमय स्वरुप का दर्शन अपने अन्त: करण मे नित्य किया करें | हे दिव्य प्रकाशक हमें प्रकाश की ओर ले चल| आपका प्रकाशमय स्वरुप हमारी बुद्धियों को सन्मार्ग में प्रवृत्त करें | हम न केवल अभ्युदय अपितु नि:श्रेयस भी प्राप्त करें | |