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पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने आज ‘राष्ट्र को संबोधित’ करने के साथ ही अपने इस्तीफे का भी एलान कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने राजनैतिक सलाहकारों से सलाह-मशविरा करके और मुल्क के हक में अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं अपनी किस्मत देश और आवाम के हाथों में सौंपता हूं।”

अपने ऊपर मंडरा रहे महाभियोग के खतरे से पहले ही इस्तीफा देते हुए मुशर्रफ ने कहा, “मैं ये महाभियोग का मामला जीत जाऊं या फिर हार जाउं, हर हाल में शिकस्त कौम की होगी और मुल्क की आबरु बेइज्जत होगी।”

परवेज मुशर्रफ ने कहा कि, “जो मेरे ऊपर महाभियोग चलाना चाहते हैं, क्या उन्हें मेरे कानूनी अधिकारों से डर लगता है? सत्तारुढ़ सरकार भी जानती है कि बतौर राष्ट्रपति मेरे पास कानूनी और संवैधानिक स्तर पर क्या-क्या अधिकार हैं।”

उन्होंने कहा कि, “महाभियोग चलाना और चार्जशीट देना संसद का हक है, और उसका जवाब देना मेरी जिम्मेदारी है। मुझे अल्लाह और खुद पर यकीन है कि मेरे खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं हो सकते, क्योंकि मुझे खुद पर भरोसा है। मुझे अपनी जात पर भरोसा है। मैंने जो कुछ भी किया, पाकिस्तान के लिए किया है।”

परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की जनता से कहा, “मैंने गरीब अवाम का दर्द दिल में रखा, हर फैसला सोच-समझकर, विचार-विमर्श करके किया। हर खतरनाक और जटिल फैसले में सभी “शेयरधारकों” की राय ली, चाहे वो फौजी हों, राजनैतिज्ञ हों या सरकारी अधिकारी हों।”

उन्होंने कहा, “कई अनासिर तत्वों ने कहा है कि ‘ऐवान-ए-सद्र’ (राष्ट्रपति भवन) में साजिशें की जाती हैं, लेकिन ये गलत हैं। अगर साजिश होती तो 18 फरवरी को देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं होते। फिर ये क्यों कहा गया कि मैं सरकार के खिलाफ साजिश कर रहा हूं। मैंने खुलेआम हुकूमत को समर्थन देने का एलान किया था।”

परवेज मुशर्रफ ने कहा कि उनपर लगाए गए सारे इल्जाम झूठे और बेबुनियाद हैं।

उन्होंने कहा कि, “पाकिस्तान में सियासी दंगल के दौरान मेरी यही कोशिश रही कि निजी व संस्थागत तौर पर मेरा दुश्मनी का रवैया नहीं रहे। 18 फरवरी के चुनाव के बाद अवाम की कुछ उम्मीदें हैं।”

परवेज मुशर्रफ ने कहा कि उनका मकसद हमेशा देश की तरक्की करना था।

उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा ही देश के विकास को सर्वोपरि रखा, और हर चुनौती का सामना किया। मैंने इन आठ-नौ सालों में दो बार प्रांतीय चुनाव करवाए जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से हुए। पाकिस्तान को दुनिया में भी रुतबा मिला”।

देश की कानून-व्यवस्था पर उन्होंने कहा, “अमेरिका में हुए 9-11 के आतंकवादी हमलों के बाद देश में आत्मघाती हमलों का दौर शुरु हुआ। इसे रोकने के लिए ‘लॉ इंर्फोसमेंट एजेंसियों’ का दुरुस्त रुप से काम करना जरुरी था, जो मेरे शासन में किया गया।”

परवेज मुशर्रफ ने कहा, “पिछले छह महीनों में देश में आई नई सरकार की वजह से महंगाई बढ़ी है। और जो ये कहते हैं कि पिछले 9 सालों में देश पीछे गया है, वह सब झूठ है।”

अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ ने कहा कि पिछले 9 साल में देश को लेकर उनकी नीतियों को गलत ठहराने वाले लोग देश के दुश्मन हैं।

परवेज मुशर्रफ ने कहा कि, “मुझ पर झूठे इल्जाम लगाए गए।” उन्होंने देश के लिए सेवा के जज्बे और अपनी नीयत को पाक-साफ ठहराते हुए कहा कि, “मेरी नीतियों से पाकिस्तान आगे बढ़ा है और देश ने तरक्की की है। मैंने ‘पाकिस्तान फर्स्ट’ का नारा दिया।”

उन्होंने यह भी कहा कि दिसम्बर 2007 के पहले देश के आर्थिक हालात बिल्कुल खस्ता थे, और मैंने देश को कई मुसीबतों से बचाया और मुश्किल हालातों से उबारा। फिर चाहे वह अमेरिका में हुआ 9-11 का आतंकवादी हमला ही क्यों न हो।

18 अगस्त 2008 | एजेंसियां...

Originally Written/Posted By : Vipul Desai
Posted on: 2008-08-19
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